हे सब्जियों के बब्बर शेर तुमको कोटि कोटि नमन!
हे सब्जियों के बब्बर शेर तुमको कोटि कोटि नमन! शिवाकान्त पाठक समाचार संपादक !जनता की जमी-जमाई गृहस्थी को हिलाने वाले, महंगाई की पीठ पर बैठकर दहाड़ने वाले, अपने दिव्य छिलकायित स्वरूप के ही समान आम आदमी की परत-दर-परत बखिया उधेड़ने वाले और तमाम तरकारियों के तन-बदन पर अपनी दबंग हैसियत का झंडा गाड़ने वाले, बू-धारक, जेब मारक, चमत्कार कारक, हे प्याज महाराज! तुम्हें अनंत बार नमस्कार है। बारंबार नमस्कार है।
एक आम आदमी का प्याज से रिश्ता
हे महाराज! जो रिश्ता एक मुनाफाखोर का ब्याज से, आगरा का ताज से, अस्पताल का इलाज से, गौरैया का बाज से, आसमान का हवाई जहाज से, कार का गैराज से, नदियों का बैराज से, गवैये का रियाज से, मांझे का पतंगबाज से, ब्यूटी पार्लर का मसाज से, आलसी का कामकाज से, चूहे का अनाज से, नवयौवना का लोकलाज से, दशानन का रामराज से और आत्मकेंद्रित व्यक्ति का समाज से है, वही रिश्ता एक आम आदमी का प्याज से है। इन सहज संबंधों के ध्वस्तकारक, नित्य नवल उच्च दर विहारक, हृदयविदारक हे प्याज महाराज! तुम्हें असंख्य बार नमस्कार है। बारंबार नमस्कार है।
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