सभी देश वासियों व उत्तराखंड वासियों को लोहड़ी पर्व पर दीं बधाईयाँ !

सभी देश वासियों व उत्तराखंड वासियों को लोहड़ी पर्व पर दीं
बधाईयाँ  ! हरवीर सिंह सचिव प्राधिकरण हरिद्वार से हुई ऐक भेंट के दौरान उन्होने देश वासियों व उत्तराखंड वासियों को लोहड़ी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि भारत में यह पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ शांति पूर्ण ढंग से मनाया जाता है इस पर्व पर आपसी मतभेद भुला कर सभी खुशी से नांच उठते हैं क्यों सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है व सर्दी की ठिठुरन से लोगों को राहत मिलती है उन्होने कहा कि इस पर्व को किस वजह से मनाते इसकी विशेताओ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि  लोहड़ी मनाने के लिए लकड़ियों की ढेरी पर सूखे उपले भी रखे जाते हैं। समूह के साथ लोहड़ी पूजन करने के बाद उसमें तिल, गुड़, रेवड़ी एवं मूंगफली का भोग लगाया जाता है। इस अवसर पर ढोल की थाप के साथ गिद्दा और भांगड़ा नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं।
2 पंजाबी समाज में इस पर्व की तैयारी कई दिनों पहले ही शुरू हो जाती है। इसका संबंध मन्नत से जोड़ा गया है अर्थात जिस घर में नई बहू आई होती है या घर में संतान का जन्म हुआ होता है, तो उस परिवार की ओर से खुशी बांटते हुए लोहड़ी मनाई जाती है। सगे-संबंधी और रिश्तेदार उन्हें इस दिन विशेष सौगात के साथ बधाइयां भी देते हैं।
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चर्खा चढ़ाना :  गोबर के उपलों की माला बनाकर मन्नत पूरी होने की खुशी में लोहड़ी के समय जलती हुई अग्नि में उन्हें भेंट किया जाता है। इसे 'चर्खा चढ़ाना' कहते हैं।
4 धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व : लोहड़ी एवं मकर संक्रांति एक-दूसरे से जुड़े रहने के कारण सांस्कृतिक उत्सव और धार्मिक पर्व का एक अद्भुत त्योहार है। लोहड़ी के दिन जहां शाम के वक्त लकड़ियों की ढेरी पर विशेष पूजा के साथ लोहड़ी जलाई जाती है , वहीं अगले दिन प्रात: मकर संक्रांति का स्नान करने के बाद उस आग से हाथ सेंकते हुए लोग अपने घरों को आते हैं । इस प्रकार लोहड़ी पर जलाई जाने वाली आग सूर्य के उत्तरायन होने के दिन का पहला विराट एवं सार्वजनिक यज्ञ कहलाता है।
 इस उत्सव का एक अनोखा ही नजारा होता है। लोगों ने अब समितियां बनाकर भी लोहड़ी मनाने का नया तरीका निकाल लिया है। ढोल-नगाड़ों वालों की पहले ही बुकिंग कर ली जाती है। अनेक प्रकार के वाद्य यंत्रों के साथ जब लोहड़ी के गीत शुरू होते हैं तो स्त्री-पुरुष, बूढ़े-बच्चे सभी स्वर में स्वर, ताल में ताल मिलाकर नाचने लगते हैं।

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